How to Set up a Agency

स्वयं की दुकान / निवास से विक्रेता नियुक्ति के नियम – शर्ते:-

  1. दूध एवं दुग्ध पदार्थो का प्रथम संघ के अधिकृत क्षेत्रीय वितरको के माध्यम से कराया जावेगा ।
  2. दुग्ध पदार्थो का अग्रिम मांग प्रतिदिन प्रातः 11:00 बजे तक एवं दूध की अग्रीम मांग प्रतिदिन प्रातः 11:00 बजे के पूर्व अधिकृत वितरकों को प्रथक –प्रथक ई-मेल अथवा मोबाईल पर देना आवश्यक होगा , जिसमे बार बार संशोधन (कम / ज्यादा) नहीं किया जा सकेगा ।
  3. प्रदाय किया गया दूध एवं दुग्ध पदार्थ वापसी योग्य नहीं होगें ।
  4. दूध - दुग्ध पदार्थो का संघ द्वारा निर्धारित उपभोक्ता मूल्य (MRP) पर ही विक्रय करना होगा, MRP से अधिक पर विक्रय करने पर एजेन्सी आवंटन निरस्त कर दिया जावेगा ।
  5. दूध - दुग्ध पदार्थो का विक्रय पैकिंग अनुसार ही करना होगा , किसी भी स्थिति में खुल्ला दूध / दुग्ध पदार्थ विक्रय नहीं कर सकेगे ।
  6. दूध - दुग्ध पदार्थो की गुणवत्ता / शीतलीकरण बनाये रखने की जवाबदारी विक्रेता की होगी , इसके अभाव में यदि दूध फटना / पदार्थ खराब होता है तो इस हेतु वे स्वयं उत्तरदायी होगें ।
  7. विक्रय मात्रा की समीक्षा प्रति तीन माह में की जावेगी , जिसमे न्यूनतम 10% वृद्धि परिलक्षित होना चाहिये ।
  8. निर्धारित विक्रय मार्जिन के अतिरिक्त अन्य कोई भी राशि का भुगतान संघ एवं वितरक द्वारा नहीं किया जावेगा ।
  9. विक्रेता को विक्रय वृद्धि हेतु स्वंय के स्तर पर नवीन उपभोक्ता तैयार करना होगे, न कि पूर्व से अन्य विक्रेता से जुड़े उपभोक्ताओं को अपनी ओर किसी भी प्रकार का प्रलोभन देकर अपने से दूध क्रय हेतु जोड़ेगे । यदि ऐसा पाया जाता है तो एजेन्सी आवंटन निरस्त कर दिया जावेगा ।
  10. दूध –दुग्ध पदार्थो के विक्रय व्यवस्था के सम्बन्ध में संघ द्वारा दिये गये आदेश /निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा ।
  11. किन्ही भी कारणों के चलते यदि विक्रेता आगे एजेन्सी नही चलाना चाहता है तो उनकी जमा प्रतिभूति राशि आवेदन करने के 06 माह में चैक के माध्यम से लोटायी जावेगी । जमा प्रतिभूति मे से यदि कोई राशि संघ / वितरक की शेष निकलती है तो वह उसमें से कटोत्रा कर समायोजन कर लिया जावेगा ।
  12. संघ की उप ईकाईयो से सम्बध्द क्षेत्रों में दूध – दुग्ध पदार्थो का प्रदाय संबंधित दुग्ध संयंत्र से कराया जावेगा ।
  13. किसी भी विवाद की स्थिति में अध्यक्ष , बुन्देलखण्ड सहकारी दुग्ध संघ मर्यादित सागर , द्वारा दिया गया निर्णय मान्य करना होगा ।
  14. विवाद की स्थिति मे न्याय क्षेत्र सागर न्यायालय होगा ।